अमेरिकी विदेश विभाग (U.S. Department of State) ने एक नया Visa Bond Pilot Program शुरू किया है, जिसके तहत B-1/B-2 वीजा (बिजनेस/टूरिस्ट वीजा) के आवेदकों को अमेरिका में एंट्री के लिए $5,000 से $15,000 तक की बॉन्ड राशि जमा करनी होगी। यह नियम 15 अगस्त, 2025 से लागू होगा और 12 महीने तक चलेगा।
यह नियम उन देशों के नागरिकों पर लागू होगा, जहां:
- बिना रेजिडेंसी की शर्त के निवेश के बदले नागरिकता (Citizenship by Investment) दी जाती है ।
इन देशों की लिस्ट अमेरिकी सरकार की वेबसाइट travel.state.gov पर जल्द ही जारी की जाएगी। - वीजा ओवरस्टे (अनुमति से ज्यादा समय तक रुकने) के मामले ज्यादा हैं।
- स्क्रीनिंग और वेटिंग प्रक्रिया कमजोर है।
क्यों लाया गया यह नियम?
अमेरिकी सरकार का कहना है कि हर साल 5 लाख से ज्यादा लोग वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रुक जाते हैं, जिससे सुरक्षा और कानून व्यवस्था को खतरा होता है। इस नियम का मकसद अवैध ओवरस्टे को रोकना और दूसरे देशों को यह संदेश देना है कि वे अपने नागरिकों की वीजा कंडीशंस का पालन करवाएं।
बॉन्ड राशि कितनी होगी?
- $5,000 – अगर आवेदक की आर्थिक स्थिति कमजोर है।
- $10,000 – डिफॉल्ट राशि (ज्यादातर केस में यही लागू होगी)।
- $15,000 – अगर आवेदक के पास अमेरिका में ज्यादा कनेक्शन हैं और ओवरस्टे का रिस्क ज्यादा है।
बॉन्ड कैसे जमा करें और वापस कैसे मिलेगी?
- बॉन्ड Pay.Gov वेबसाइट पर फॉर्म I-352 भरकर जमा करनी होगी।
- अगर आवेदक अमेरिका से समय पर वापस आ जाता है और वीजा नियमों का पालन करता है, तो पूरी राशि वापस मिल जाएगी।
- अगर वीजा होल्डर अनुमति से ज्यादा समय तक रुकता है, तो बॉन्ड जब्त कर ली जाएगी और उसे डिपोर्ट किया जा सकता है।
फिलहाल, भारत के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अगर भारत को “हाई ओवरस्टे वाले देशों” की लिस्ट में रखा जाता है, तो भारतीय नागरिकों को भी यह बॉन्ड देनी पड़ सकती है। अगर अमेरिकी सरकार को लगता है कि बॉन्ड माफ करने से राष्ट्रीय हित (जैसे सरकारी काम के लिए यात्रा) या मानवीय आधार (मेडिकल इमरजेंसी) पर फायदा होगा, तो छूट दी जा सकती है।
अगर आप B-1/B-2 वीजा के लिए आवेदन करने वाले हैं, तो travel.state.gov पर अपडेट्स चेक करते रहें। अगर आपके देश को इस लिस्ट में शामिल किया जाता है, तो आपको वीजा के साथ-साथ बॉन्ड की भी व्यवस्था करनी होगी।
B-1/B-2 वीजा क्या है?
B-1 और B-2 वीजा अमेरिका के अस्थायी गैर-आप्रवासी (Non-Immigrant) वीजा हैं, जो विदेशियों को बिजनेस (B-1) या टूरिज्म/मेडिकल ट्रीटमेंट (B-2) के उद्देश्य से अमेरिका जाने की अनुमति देते हैं। इन्हें अक्सर B-1/B-2 कॉम्बिनेशन वीजा के रूप में जारी किया जाता है, जिससे यात्री दोनों उद्देश्यों के लिए एक ही वीजा का उपयोग कर सकते हैं।
B-1 वीजा (बिजनेस वीजा)
इस वीजा के तहत आप अमेरिका जा सकते हैं:
✅ बिजनेस मीटिंग्स, सेमिनार या कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए
✅ किसी अमेरिकी कंपनी के साथ डील साइन करने या नेगोशिएट करने के लिए
✅ प्रोफेशनल ट्रेनिंग या वर्कशॉप अटेंड करने के लिए
❌ लेकिन आप इस वीजा पर अमेरिका में नौकरी नहीं कर सकते या सैलरी नहीं ले सकते।
B-2 वीजा (टूरिस्ट/मेडिकल वीजा)
इस वीजा के तहत आप अमेरिका जा सकते हैं:
✅ छुट्टियां मनाने, पर्यटन स्थल घूमने या रिश्तेदारों से मिलने के लिए
✅ मेडिकल ट्रीटमेंट या सर्जरी कराने के लिए
✅ सोशल/कल्चरल इवेंट्स में भाग लेने के लिए
❌ लेकिन आप इस वीजा पर पढ़ाई या नौकरी नहीं कर सकते।
B-1/B-2 वीजा की अवधि
- यह वीजा 10 साल तक के लिए मिल सकता है (मल्टीपल एंट्री)।
- हर बार अमेरिका में रहने की अवधि 6 महीने तक होती है (लेकिन बॉर्डर अधिकारी इसे कम भी कर सकते हैं)।
आवश्यक दस्तावेज
- DS-160 फॉर्म (ऑनलाइन आवेदन)
- पासपोर्ट (कम से कम 6 महीने वैध)
- वीजा फीस ($185)
- फोटो (सफेद बैकग्राउंड)
- फाइनेंशियल प्रूफ (बैंक स्टेटमेंट, ITR)
- अमेरिका में स्टे का प्लान (होटल बुकिंग, इनविटेशन लेटर)
क्या B-1/B-2 वीजा पर ग्रीन कार्ड मिल सकता है?
नहीं, क्योंकि यह एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है। अगर आप वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रुकते हैं, तो आप वीजा वायलेशन के दोषी माने जाएंगे और भविष्य में अमेरिकी वीजा पाना मुश्किल हो सकता है।
B-1/B-2 वीजा उन लोगों के लिए है जो अस्थायी रूप से अमेरिका जाना चाहते हैं। अगर आप परमानेंट रूप से रहना चाहते हैं, तो आपको H1B, F-1, या ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा। वीजा के नियमों का पालन करें, नहीं तो भविष्य में अमेरिका जाना मुश्किल हो सकता है।
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