New GST Rates लागू होते ही छोटी कारों से SUVs तक, मारुति अल्टो से लेकर महिंद्रा थार और टोयोटा फॉर्च्यूनर तक, हर सेगमेंट में कीमतों पर सीधा असर दिखेगा। भारत सरकार ने 22 सितंबर 2025 से नई जीएसटी संरचना (GST 2.0) लागू कर दी है। इस सुधार में पुराने 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर अब केवल 5%, 18% और 40% की कर दरें लागू की गई हैं। इस बदलाव का सबसे बड़ा असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ा है। जहां छोटी कारें और कॉम्पैक्ट एसयूवी पहले से सस्ती हो गई हैं, वहीं बड़ी एसयूवी और लग्जरी गाड़ियों पर सेस हटने से टैक्स का बोझ घटा है। यह फैसला त्योहारी सीजन से ठीक पहले आया है, जब कारों की बिक्री सबसे ज्यादा होती है।
छोटी कारों पर राहत: अल्टो, नेक्सॉन और वेन्यू सस्ती
नई टैक्स दरों के अनुसार, 1200cc तक की पेट्रोल/सीएनजी कारें और 1500cc तक की डीज़ल कारें (जिनकी लंबाई 4 मीटर से कम है) अब 18% स्लैब में आती हैं। पहले इन पर 28% जीएसटी और 1–17% तक सेस लगता था, जिससे कुल टैक्स 29–45% तक पहुंच जाता था। अब टैक्स घटकर 18% होने से कीमतों में सीधी 8–10% तक की कमी आई है।
मारुति सुजुकी अल्टो की कीमत पहले से 8–10% कम हो गई है। टाटा नेक्सॉन, मारुति फ्रॉन्क्स और हुंडई वेन्यू जैसी कॉम्पैक्ट एसयूवी अब ₹20,000 से ₹50,000 तक सस्ती हो गई हैं। थ्री-व्हीलर और 350cc तक की मोटरसाइकिलें भी इसी स्लैब में आने से किफायती हो गई हैं।
बड़ी गाड़ियां और एसयूवी: थार और फॉर्च्यूनर पर कम हुआ टैक्स बोझ
बड़ी कारें और एसयूवी (1500cc से ऊपर या 4 मीटर से लंबी) अब 40% स्लैब में आ गई हैं। पहले इन पर 28% जीएसटी और 3–22% तक का सेस लगता था, जिससे टैक्स बोझ 31–50% तक पहुंच जाता था। अब सेस हट जाने से कुल टैक्स 40% रह गया है।

महिंद्रा थार की कीमतों में 5–8% तक की कमी आई है। हुंडई क्रेटा और महिंद्रा एक्सयूवी700 जैसे मॉडल ₹1–2 लाख तक सस्ते हो गए हैं। टोयोटा फॉर्च्यूनर और टाटा सफारी जैसी बड़ी एसयूवी 8–10% तक सस्ती हुई हैं। वहीं, मर्सिडीज़ और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कारों में मामूली कमी देखने को मिलेगी, लेकिन टैक्स अनुपालन अब सरल हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक और ग्रीन व्हीकल: स्थिर रफ्तार
📊 नई जीएसटी दरें 2025: गाड़ियों पर असर (तालिका)
जीएसटी स्लैब | वाहन मॉडल | पुराना जीएसटी + सेस | नया जीएसटी (2025) | कीमत पर असर |
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5% (EVs व हाइड्रोजन) | टाटा नेक्सॉन EV, टाटा पंच EV, एमजी ZS EV, हुंडई कोना इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन फ्यूल कारें | 5% (EVs) / 12% (H2) | 5% | ईवी – कोई बदलाव नहीं, हाइड्रोजन कारें – सस्ती |
18% (छोटी कारें व बाइक ≤350cc) | मारुति अल्टो, मारुति बलेनो, मारुति फ्रॉन्क्स, टाटा नेक्सॉन, टाटा पंच, हुंडई वेन्यू, हुंडई ग्रैंड i10 निओस, किया सोनेट, रेनॉल्ट काइगर, स्कोडा कुशाक, महिंद्रा XUV 3XO, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350, ऑटो-रिक्शा | 28% + 1–17% (29–45%) | 18% | छोटी कारें 8–10% सस्ती, कॉम्पैक्ट SUV ₹20,000–50,000 सस्ती, बाइक/थ्री-व्हीलर 5–10% सस्ते |
40% (SUV व बड़ी कारें, बाइक >350cc) | महिंद्रा थार, महिंद्रा XUV700, महिंद्रा स्कॉर्पियो N, हुंडई क्रेटा, हुंडई अल्काज़ार, टोयोटा फॉर्च्यूनर, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा, टाटा हैरियर, टाटा सफारी, किया सेल्टोस, मारुति ग्रैंड विटारा, होंडा सिटी, स्कोडा स्लाविया, रॉयल एनफील्ड 650 ट्विन्स, मर्सिडीज़ GLC, बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज़ | 28% + 3–22% (31–50%) | 40% | SUVs 5–10% सस्ती, थार 5–8% सस्ती, मिड SUVs ₹1–2 लाख सस्ती, लग्ज़री कारों पर मामूली राहत |
उद्योग और उपभोक्ता की प्रतिक्रिया
नई टैक्स व्यवस्था को पूरे उद्योग ने सकारात्मक माना है। SIAM का कहना है कि यह सुधार भारत को प्रतिस्पर्धी ऑटो निर्माण केंद्र बनाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, छोटी कारों और एसयूवी की मांग 10–15% तक बढ़ सकती है। ऑटो कंपनियों के शेयर बाजार में भी 5–10% तक की बढ़त दर्ज की गई है। उपभोक्ता मानते हैं कि यह राहत त्योहारी सीजन में खरीदारी को और आसान बनाएगी।
नई जीएसटी दरें टैक्स ढांचे को सरल बनाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सीधा फायदा देती हैं। मारुति अल्टो जैसी छोटी कारों से लेकर महिंद्रा थार और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी एसयूवी तक हर सेगमेंट के खरीदारों को राहत मिली है। यह बदलाव ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है और आने वाले त्योहारी सीजन में उद्योग को नई रफ्तार देगा।