Kerala High Court (केरल हाईकोर्ट) ने पेट्रोल पंपों पर शौचालयों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि पेट्रोल पंपों के शौचालयों को सार्वजनिक नहीं माना जा सकता और नगर निगम उन्हें “सार्वजनिक शौचालय” घोषित नहीं कर सकते। हालांकि, नेशनल हाइवे पर स्थित पेट्रोल पंपों को छूट दी गई है, जहां आम जनता को 24 घंटे शौचालय और पेयजल की सुविधा देनी होगी।
केरल हाईकोर्ट के इस फैसले से पेट्रोल पंप डीलरों को राहत मिली है, जो लंबे समय से सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। हालांकि, नेशनल हाइवे पर स्थित पंपों के लिए केंद्रीय नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
यह मामला “पेट्रोलियम ट्रेडर्स वेलफेयर एंड लीगल सर्विस सोसाइटी” और अन्य पेट्रोल पंप डीलरों द्वारा दायर एक जनहित याचिका (WP(C) No. 9329/2025) से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं ने थिरुवनंतपुरम नगर निगम और थोडुपुझा नगरपालिका के खिलाफ शिकायत की थी कि वे पेट्रोल पंपों के शौचालयों को सार्वजनिक घोषित कर रहे हैं और उन पर “सार्वजनिक शौचालय” का बोर्ड लगा रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि पेट्रोल पंपों पर बने शौचालय निजी संपत्ति हैं और उन्हें सार्वजनिक बनाना संविधान के अनुच्छेद 300A का उल्लंघन है, जो संपत्ति के अधिकार की रक्षा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोल पंप एक हाई-रिस्क जोन होते हैं, जहां आम जनता का अनियंत्रित आवागमन सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश
जस्टिस सी.एस. डायस की पीठ ने इस मामले में 17 जून 2025 को एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें राज्य सरकार और नगर निगमों को पेट्रोल पंपों के शौचालयों को सार्वजनिक घोषित करने से रोक दिया गया था। 13 अगस्त को कोर्ट ने इस आदेश को स्पष्ट करते हुए निम्नलिखित निर्देश जारी किए:
- नेशनल हाइवे पर स्थित पेट्रोल पंप:
- यहां शौचालय और पेयजल की सुविधा आम जनता के लिए 24 घंटे उपलब्ध होनी चाहिए।
- पंप के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना होगा, जिस पर इन सुविधाओं की जानकारी दी गई हो।
- यह नियम केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के 2013 के निर्देश (Annexure R1(b)) के अनुसार लागू होगा।
- दूसरे स्थानों पर स्थित पेट्रोल पंप:
- यहां शौचालय की सुविधा केवल ग्राहकों और यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी।
- आम जनता को भी शौचालय का उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की शर्त पर।
- पेट्रोल पंप डीलर यह तय कर सकते हैं कि किन्हें शौचालय का उपयोग करने देना है।
- नगर निगमों पर रोक:
- नगर निगम और स्थानीय प्रशासन पेट्रोल पंपों पर “सार्वजनिक शौचालय” का बोर्ड नहीं लगा सकते।
- यदि ऐसा कोई बोर्ड पहले से लगा हुआ है, तो उसे हटाया जाएगा।
इस मामले में भारतीय पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने भी अपने जवाब दाखिल किए थे।
- IOC ने अपने जवाब में कहा कि उनके 2024 के मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस के अनुसार, पेट्रोल पंपों पर शौचालय ग्राहकों और यात्रियों के लिए उपलब्ध होने चाहिए, लेकिन आम जनता के लिए इसे अनिवार्य नहीं किया गया है।
- केरल सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि नेशनल हाइवे पर स्थित पेट्रोल पंपों को सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराने होंगे।
पेट्रोल पंप डीलरों का कहना है कि उनके परिसर में विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ होते हैं, जहां अनधिकृत लोगों का प्रवेश खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि:
- अनियंत्रित भीड़ से दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है।
- शौचालयों का अत्यधिक उपयोग सफाई और रखरखाव की समस्या पैदा करता है।
- कुछ लोग शौचालयों का दुरुपयोग करके अवैध गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं।
इस फैसले से सार्वजनिक सुविधा और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। जहां एक ओर यात्रियों और ग्राहकों को शौचालय की सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल पंप डीलरों को सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की छूट मिलेगी।कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर 2025 के लिए निर्धारित की है। इससे पहले सभी पक्षों को अपने जवाब दाखिल करने का मौका दिया जाएगा।
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