Bad Girl Movie: क्यों है विवादों में यह तमिल फिल्म, ऐसा क्या जिससे नाराज हुआ THAMBRAAS?

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने 17 जुलाई को एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए Bad Girl के टीजर को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया।

तमिल भाषा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘बैड गर्ल’, जिसका निर्देशन नवोदित निर्देशक वरुणा भारत ने किया है, 5 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत में रिलीज होने वाली है। यह एक बोल्ड और भावनात्मक रूप से प्रभावशाली कमिंग-ऑफ-एज ड्रामा है, जिसे मशहूर फिल्म निर्माता वेट्री मारन ने प्रोड्यूस किया है और अनुराग कश्यप ने प्रस्तुत किया है। फिल्म को अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में व्यापक प्रशंसा और कई पुरस्कार मिले हैं, लेकिन इसके टीजर ने ब्राह्मण समुदाय (THAMBRAAS) के बीच विवाद खड़ा कर दिया है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने टीजर को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया है, जिसमें नाबालिगों के आपत्तिजनक चित्रण का हवाला दिया गया है।

‘बैड गर्ल’ एक तमिल कमिंग-ऑफ-एज ड्रामा है, जो एक दक्षिण भारतीय लड़की रम्या की कहानी को दर्शाती है। यह फिल्म एक रूढ़िवादी समाज में पल रही एक युवा लड़की के जीवन को चित्रित करती है, जो अपनी जटिल और अनियंत्रित यौन इच्छाओं, प्रेम और स्वतंत्रता की खोज के बीच संघर्ष करती है। फिल्म में रम्या की स्कूल और कॉलेज के दिनों से लेकर वयस्क दुनिया तक की यात्रा को दिखाया गया है। वह अपने सपनों, प्रेम, सामाजिक नियमों, सख्त माता-पिता और अपने मन के अराजक विचारों के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश करती है।

निर्देशक वरुणा भारत, जो पहले वेट्री मारन की सहायक निर्देशक रह चुकी हैं, ने इस फिल्म में एक ऐसी कहानी पेश की है जो उनके व्यक्तिगत अनुभवों से प्रेरित है। वरुणा ने एक साक्षात्कार में कहा, “मैं एक ऐसी किरदार लिखना चाहती थी जो बेहद वास्तविक और संबंधित हो। यह फिल्म कोई स्वयं-सहायता पुस्तक नहीं है, बल्कि एक चिक-फ्लिक है जो युवा लड़कियों के अनुभवों को दर्शाती है।”

फिल्म में अंजलि शिवरामन मुख्य भूमिका में हैं, जिनके साथ शांति प्रिया, हृदु हारून, टीजय अरुणाचलम, सशांक बोम्मिरेड्डीपल्ली, और सरन्या रविचंद्रन जैसे कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी प्रीथा जयरामन, जगदीश रवि, और प्रिंस एंडरसन ने की है, जबकि संपादन राधा श्रीधर ने किया है। अमित त्रिवेदी ने फिल्म के लिए संगीत दिया है, जो उनके तमिल सिनेमा में डेब्यू को चिह्नित करता है।

अंतरराष्ट्रीय सम्मान और उपलब्धियां

‘बैड गर्ल’ ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में अपनी छाप छोड़ी है। इसने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल रॉटरडैम (IFFR) 2025 में NETPAC अवॉर्ड जीता, जो सर्वश्रेष्ठ एशियाई फिल्म के लिए दिया जाता है। इसके अलावा, फिल्म ने 40वें सिनेमा जोव – वालेंसिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (स्पेन) में यंग जूरी अवॉर्ड और अमित त्रिवेदी के लिए जूरी मेंशन फॉर म्यूजिक प्राप्त किया। इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ टूलूज़ (फ्रांस) में इसे स्टूडेंट चॉइस अवॉर्ड मिला।

फिल्म का चयन शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ लॉस एंजिल्स, करवान फेस्ट (इटली), और न्यू होराइजन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (पोलैंड) जैसे प्रतिष्ठित समारोहों के लिए भी हुआ है। यह फिल्म अपनी बोल्ड कहानी और पहचान, स्वतंत्रता और प्रतिरोध जैसे विषयों के लिए सराही गई है।

‘बैड गर्ल’ का टीजर जनवरी 2025 में रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिर गया। टीजर में एक ब्राह्मण लड़की को यौन इच्छाओं और रिश्तों की खुली चर्चा करते दिखाया गया, जिसे कुछ दर्शकों ने आपत्तिजनक माना। खासकर ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों और दक्षिणपंथी समूहों ने इसे समुदाय के “नकारात्मक चित्रण” और “सांस्कृतिक अपमान” के रूप में देखा।

ब्राह्मण समुदाय की नाराजगी

तमिलनाडु ब्राह्मण एसोसिएशन (THAMBRAAS) ने फिल्म के निर्माता वेट्री मारन को कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि फिल्म ब्राह्मण परंपराओं को अपमानित करती है और सांस्कृतिक क्षरण को बढ़ावा देती है। एसोसिएशन ने टीजर में “अय्यर भषाई” (ब्राह्मण बोली) और ब्राह्मण रीति-रिवाजों के नकारात्मक चित्रण का हवाला देते हुए BNS 2023 की धारा 294 के तहत आपत्ति जताई।

इसके अलावा नादर समुदाय ने भी टीजर की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह स्कूली लड़कियों के बीच अनैतिक व्यवहार को सामान्य करता है और युवाओं को गलत संदेश देता है। कोलिवुड के फिल्म निर्माता मोहन क्षत्रिय ने टीजर पर तीखी प्रतिक्रिया दी और वेट्री मारन और अनुराग कश्यप पर “ब्राह्मण विरोधी ट्रॉप्स” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “ब्राह्मण लड़की के निजी जीवन को चित्रित करना इस समुदाय के लिए हमेशा एक बोल्ड और ताजा फिल्म होती है। वेट्री मारन, अनुराग कश्यप और उनके साथियों से और क्या उम्मीद की जा सकती है। ब्राह्मण माता-पिता को बदनाम करना पुराना और घिसा-पिटा है। अपनी जाति की लड़कियों के साथ ऐसा करके पहले अपने परिवार को दिखाएं।”

वरुणा भारत ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा, “हम एक जाति-रहित समाज में नहीं रहते, इसलिए किरदार को कहीं न कहीं आधार देना पड़ता है। ‘बैड गर्ल’ उस माहौल में सेट है जिसे मैं जानती हूं और जिसमें मैं बड़ी हुई हूं। मैं केवल वही फिल्में बना सकती हूं जो मेरे लिए परिचित और व्यक्तिगत हों।”

मद्रास हाईकोर्ट ने क्या दिया आदेश

मदुरै बेंच, मद्रास हाई कोर्ट ने 17 जुलाई को एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए टीजर को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया। यह याचिका रामकुमार, रमेशकुमार, और डॉ. एस. वेंकटेश ने दायर की थी, जो दक्षिण तमिलनाडु के संकरनकोविल, विरुधुनगर के रहने वाले हैं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि टीजर में नाबालिगों से संबंधित अश्लील दृश्य हैं, जो प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट का उल्लंघन करते हैं।

जस्टिस पी. धनबाल ने अपने 11 पेज के आदेश में कहा, “याचिकाकर्ताओं ने टीजर की प्रतियां पेश कीं, जिनमें वास्तव में अश्लील दृश्य दिखाई दे रहे हैं, जो किशोरों के दिमाग पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। चूंकि यह वीडियो यूट्यूब पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, यह नाबालिगों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।” कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक महीने के भीतर टीजर और संबंधित अश्लील सामग्री को हटाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित नियंत्रण लागू करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को भी इस मुद्दे पर निगरानी रखने और मौजूदा कानूनों के तहत उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट के आदेश ने फिल्म की रिलीज को लेकर अनिश्चितता पैदा कर दी है। हालांकि, फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से U/A सर्टिफिकेट मिल चुका है, जो इसे माता-पिता की देखरेख में बच्चों के लिए उपयुक्त बनाता है। फिर भी, टीजर विवाद और कोर्ट के आदेश ने निर्माताओं के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या फिल्म अपनी निर्धारित तारीख 5 सितंबर 2025 को रिलीज हो पाएगी।

Reach us at mystory@aawaazuthao.com