Udaipur के सवीना थाना क्षेत्र में RSG सोसाइटी में रहने वाली गुंजन दयाल ने अपने परिवार के खिलाफ लगातार मारपीट, गाली-गलौज, धमकी और जानलेवा हमलों की शिकायत दर्ज की है। सवीना थाने में दर्ज FIR में गुंजन ने बताया कि 26 अगस्त से उनके परिवार को सोसाइटी के कुछ लोगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। गुंजन के अनुसार, 26 अगस्त को डॉ. देव चौहान ने शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए एक कुत्ते को कुचलने की कोशिश की और जोर-जोर से चिल्लाकर कुत्तों को मारने की धमकी दी। इसके बाद 27 अगस्त को नरेश भावसार और खुमाली डियोरा ने गुंजन और आस्था मिश्रा के खिलाफ फर्जी वीडियो और झूठा इंटरव्यू बनाकर बदनाम करने की कोशिश की, जो प्रिया तिवारी के दबाव में किया गया था। उसी दिन एक वास्तविक वीडियो सामने आया, जिसमें डॉ. चौहान जानवरों को मारने की धमकी देते दिखे।
28 अगस्त को गुंजन की स्कूटी की सीट को धारदार हथियार से फाड़ दिया गया, जबकि 29 अगस्त को उनके जूते काटे गए। 30 अगस्त को गुंजन ने सवीना थाने और MP ऑफिस को शिकायत भेजी, लेकिन उसी दिन इंद्राणी ने उनके साथ मारपीट की और उनकी स्कूटी को धक्का देकर गिरा दिया। 31 अगस्त को उनके घर की इंटरनेट और केबल वायर तोड़ दी गईं, जिसका आरोप मोहित शर्मा पर लगा। गुंजन ने बताया कि 1 सितंबर को उनके जूते और कुत्तों के लिए खाना ले जाने वाला बास्केट चाकू से फाड़ दिया गया। सबसे गंभीर घटना 2 सितंबर को हुई, जब अनूप तिवारी और मोहित शर्मा ने गुंजन के पति सोमेश्वर दयाल को थप्पड़ मारा, गला दबाया और गुंजन का मोबाइल छीन लिया। इस दौरान प्रिया तिवारी, नेहा चंद्रकला और योगिता ने गुंजन के साथ मारपीट की और अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
गुंजन ने आरोप लगाया कि अनूप तिवारी, जो शराब का कारोबार करता है, खुलेआम पिस्टल लेकर घूमता है और उसका बेटा भी बच्चों की छोटी-मोटी लड़ाई में बंदूक लेकर धमकाता है। गुंजन ने पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी शिकायतों पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आरोपियों मोहित, अनूप और प्रिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराओं 126(2), 115(2), 308(2), 352 और 189(2) के तहत FIR दर्ज की गई है. गुंजन ने उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा देने की मांग करते हुए कहा कि भविष्य में किसी अनहोनी की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। गुंजन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना-प्रदर्शन और वैधानिक विरोध करेंगे। यह मामला उदयपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
भारत में आम है डॉग फीडर्स के साथ दुर्व्यवहार
भारत के विभिन्न शहरों में stray कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों को आवासीय सोसाइटियों द्वारा आपत्ति जताने और दुर्व्यवहार का सामना करने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जो पशु प्रेमियों की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों पर सवाल उठाती हैं। उदाहरण के लिए, गुड़गांव में हरजस सेठी नामक महिला को आवारा कुत्तों को खिलाने और टीका लगवाने के लिए 50 से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा हमला किया गया, जिसमें उन्हें शारीरिक और मौखिक रूप से प्रताड़ित किया गया तथा उनका फोन छीन लिया गया, और यहां तक कि पुलिस द्वारा भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
इसी तरह, नोएडा में चित्रा चक्रवर्ती को कुत्तों को खिलाते समय उनकी तस्वीरें बिना अनुमति के ली जाती हैं और व्हाट्सएप ग्रुप्स में साझा की जाती हैं, साथ ही सोसाइटी द्वारा जुर्माना लगाया जाता है. नोएडा में ही एक 7 महीने की गर्भवती महिला को कुत्तों को खिलाने के लिए निवासियों द्वारा शारीरिक हमला किया गया, और एक अन्य मामले में एक कुत्ता खिलाने वाले के 2 साल के बेटे को मारने की धमकी दी गई। बेंगलुरु में नेहा परवीन को पड़ोसियों द्वारा मौखिक दुर्व्यवहार और धमकियां दी गईं, तथा कुत्तों को पीटा गया, जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। गुड़गांव में सुमित और उनके परिवार को 250-300 लोगों की भीड़ द्वारा 6 घंटे तक कार में बंधक बनाया गया क्योंकि वे सोसाइटी में एक टीकाकृत कुत्ते की देखभाल कर रहे थे। दिल्ली में कुत्ता देखभालकर्ताओं को पड़ोसियों द्वारा हमला और धमकियां दी जाती हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जारी हैं। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि कैसे सोसाइटियां कानूनी दिशानिर्देशों की अवहेलना कर पशु प्रेमियों को प्रताड़ित करती हैं, जिससे पशु कल्याण और मानवीय करुणा के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है।