TCS Layoffs 2025: 12,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में, कर्मचारियों ने बताया ‘Forced Resignation’

Published on: 31-07-2025
TCS Layoffs 2025

TCS ने अपनी 2% ग्लोबल वर्कफोर्स को हटाने का फैसला लिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें जबरन इस्तीफा देने को मजबूर किया जा रहा है। मामला अब लेबर डिपार्टमेंट तक पहुंच गया है।

Tata Consultancy Services (TCS) द्वारा की गई छंटनी (TCS layoffs 2025) अब एक बड़ा विवाद बन चुकी है। Karnataka State IT/ITeS Employees Union (KITU) की शिकायत पर लेबर डिपार्टमेंट ने TCS को नोटिस भेजा है। यह मामला अब Industrial Disputes Act, 1947 के उल्लंघन तक जा पहुंचा है।

क्या है TCS की नई Bench Policy?

TCS ने हाल ही में एक नई Bench Policy लागू की है, जिसके तहत कोई भी कर्मचारी साल भर में सिर्फ 35 घंटे तक ही बेंच पर रह सकता है। इसके बाद यदि उन्हें प्रोजेक्ट नहीं मिलता, तो उन्हें इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जा सकता है। कर्मचारी इसे forced resignation बता रहे हैं।

कब और कितने कर्मचारियों की होगी छंटनी?

27 जुलाई को TCS ने घोषणा की कि वह अपनी ग्लोबल वर्कफोर्स का 2% यानी लगभग 12,261 कर्मचारियों को हटाएगी। यह TCS layoffs 2025 का हिस्सा है जो मुख्य रूप से मिड-लेवल और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा।

कर्मचारियों की शिकायत और कानूनी प्रक्रिया

KITU और Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) ने दावा किया है कि पिछले दो हफ्तों में बेंगलुरु ऑफिस से सैकड़ों कर्मचारियों को जबरन इस्तीफा देने को मजबूर किया गया है। KITU की हेल्पलाइन पर 25 से अधिक कॉल्स आ चुकी हैं।

29 जुलाई को यूनियन प्रतिनिधियों ने लेबर डिपार्टमेंट से मुलाकात की और Industrial Disputes Act के उल्लंघन का हवाला देकर TCS मैनेजमेंट पर केस दर्ज कराया। अब 6 अगस्त को TCS और यूनियन के बीच कंसिलिएशन मीटिंग होगी।

TCS का आधिकारिक बयान

TCS ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा:

“TCS एक Future-Ready organisation बनने की दिशा में कदम उठा रही है। इसके तहत टेक्नोलॉजी, AI, मार्केट एक्सपैंशन और वर्कफोर्स रियलाइन्मेंट पर फोकस किया जा रहा है। इसी प्रक्रिया में कुछ कर्मचारियों को कंपनी छोड़नी पड़ सकती है। हम उन्हें उचित लाभ, आउटप्लेसमेंट और काउंसलिंग देंगे।”

TCS CEO और टॉप मैनेजमेंट की सैलरी पर उठे सवाल

TCS layoffs news सामने आने के बाद कंपनी के टॉप ब्रास की सैलरी भी चर्चा में है। कंपनी के CEO K Krithivasan की FY25 में सैलरी ₹26.52 करोड़ रही, जिसमें ₹1.39 करोड़ बेस सैलरी और ₹23 करोड़ का कमीशन शामिल था। वहीं, पूर्व COO NG Subramaniam ने ₹11.55 करोड़ की कमाई की।

TCS Share Price और Careers पर असर

TCS share price में फिलहाल कोई बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिली है, लेकिन कर्मचारी TCS careers और TCS nextstep प्लेटफॉर्म पर भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। इंडस्ट्री विशेषज्ञ मानते हैं कि यह छंटनी सिर्फ स्किल्स मिसमैच और प्रोजेक्ट असाइनमेंट में गड़बड़ियों की वजह से है, न कि AI से productivity बढ़ने के चलते।

TCS Layoffs History: क्या यह पहली बार हो रहा है?

TCS layoffs history पर नज़र डालें तो कंपनी कभी भी बड़े पैमाने पर छंटनी के लिए नहीं जानी जाती रही है। लेकिन मौजूदा हालात में, यह कदम कंपनी की रणनीति में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है।

सरकार की भूमिका और श्रमिक संगठनों की मांग

केंद्र सरकार के Chief Labour Commissioner ने 1 अगस्त को TCS अधिकारियों को मीटिंग के लिए बुलाया है। NITES ने दो पत्र लिखकर सरकार से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इतनी बड़ी कंपनी कानून तोड़कर कर्मचारियों को निकालती है, तो इससे बाकी कंपनियों में भी गलत परंपरा शुरू हो सकती है।

TCS layoffs 2025 अब सिर्फ एक कॉर्पोरेट रणनीति नहीं रह गई है, यह एक बड़ी सामाजिक और कानूनी बहस बन चुकी है। जहां एक ओर कंपनी भविष्य की तैयारियों का हवाला दे रही है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों का कहना है कि उनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। आने वाले हफ्तों में इस विवाद की दिशा क्या होगी, यह देखने लायक होगा।

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