बिहार में SIR को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की वार्निंग – जानिए सिटिजनशिप के लिए कौन से दस्तावेज हैं जरूरी

वोटर लिस्ट से नाम हटने की आशंका, ओवैसी ने दी यह महत्वपूर्ण चेतावनी

AIMIM प्रमुख बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन ( Special Intensive Revision) को लेकर देशभर के नागरिकों, खासकर मुसलमानों, दलितों और आदिवासियों को सचेत किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो उसे नागरिकता साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।

ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक विडियो शेयर करते हुए कहा कि बिहार में चल रही वोटर लिस्ट की समीक्षा जल्द ही देश के अन्य राज्यों में भी हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने जरूरी दस्तावेज (जैसे जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट, पासपोर्ट, जाति प्रमाण पत्र आदि) तैयार रखें, ताकि वोटर लिस्ट से उनका नाम न हटे।

अगर नाम हटा, तो मोदी को खुशी होगी” – ओवैसी

ओवैसी ने अपनी स्पीच में जो कुछ भी कहा, वो इस प्रकार है: ” मैं आपको आगाह कर रहा हूँ कि तूफान आने से पहले हमें तैयारी कर लेनी चाहिए। मेरी इस बात को याद रखो। अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो मोदी को सबसे ज्यादा खुशी होगी। अगर युवाओं, आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो आपको भारत के प्रधानमंत्री से यह सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं रहेगा कि बेरोजगारी मेरी किस्मत क्यों बन गई। अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो वोट डालना तो दूर की बात, कोई आकर आपसे कहेगा कि अपनी नागरिकता साबित करो। यानी आप अपने रोजगार से वंचित हो जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि आप अपनी इज्जत से भी वंचित हो जाएंगे।

जब तेलंगाना में या आपकी किसी भी राज्य में यह इंटेंसिव रिवीजन होगा, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अभी वक्त है। पासपोर्ट बनवा सकते हैं, तो जल्दी से पासपोर्ट बनवाओ। अगर बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, तो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाओ। बिहार में इलेक्शन कमीशन की ओर से इंटेंसिव रिवीजन के नाम पर जो वोटर लिस्ट बनाई जा रही है, मैं तेलंगाना के सभी लोगों से, खासकर भारत के गरीबों से, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय से हों, खासकर मुसलमानों, दलितों, और आदिवासियों से कह रहा हूँ कि आप तैयार हो जाइए। अगर तेलंगाना हो, पश्चिम बंगाल हो, तमिलनाडु हो, या भारत की किसी भी राज्य में इस तरह का इंटेंसिव रिवीजन करवाया जाएगा, तो मेरी आपसे अपील है कि आप अपना बर्थ सर्टिफिकेट बनवाएं। जिन बुजुर्गों की उम्र 70 साल से ऊपर है, अगर उनका बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, तो बहुत अच्छा है अगर है, लेकिन अगर नहीं है, तो आप उनका पासपोर्ट बनवाएं। अपना बर्थ सर्टिफिकेट बनवाएं। अगर 10वीं की मार्कशीट है, तो उसे तैयार रखें। अगर कास्ट सर्टिफिकेट है, तो उसे तैयार रखें, और अगर नहीं है, तो बनवाएं। अगर पासपोर्ट नहीं है, तो बनवाएं। अगर बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, तो बनवाएं। अगर कोई रिटायर्ड पेंशनर है, तो जो पेंशन ऑर्डर मिलता है, उसे संभालकर रखें। अगर आपको 2BHK का सर्टिफिकेट मिला है, तो उसे संभालकर रखें।

अगर सरकार ने आपको जमीन आवंटित की है, तो उसका दस्तावेज संभालकर रखें। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या थे, तो उसका आईडी कार्ड संभालकर रखें।क्योंकि मेरी इस बात को याद रखें, अब जब इंटेंसिव रिवीजन हो रहा है, तो इलेक्शन कमीशन ने BLOs को जो निर्देश दिए हैं, खासकर बिहार में, उसमें कहा गया है कि अगर किसी के घर पर BLO तीन बार जाता है और वह जायज वजह से घर पर मौजूद नहीं होता, तो BLO उसकी जानकारी ERO और AERO को देगा। ERO और ARO को यह अधिकार है कि 1955 के सिटिजनशिप एक्ट के तहत उन सभी मतदाताओं को नोटिस दे कि शायद वे भारत के नागरिक नहीं हैं। इससे नागरिकता का मुद्दा खड़ा हो जाएगा। तेलंगाना में भी इंटेंसिव रिवीजन होगा, बल्कि पूरे देश में होगा।मैं आज बोधन की जमीन से खुलकर भारत के सभी गरीबों, दलितों, आदिवासियों, और मुसलमानों से कह रहा हूँ कि आपको सबसे पहले अपना बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना है। अगर मार्कशीट है, तो उसे तैयार रखें। अगर कास्ट सर्टिफिकेट है, तो उसे तैयार रखें। अगर आप उस कास्ट में आते हैं, तो उसका सर्टिफिकेट बनवाएं।

प्रधानमंत्री से यह पूछने का अधिकार नहीं रहेगा कि बेरोजगारी मेरी किस्मत क्यों बन गई?

ओवैसी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “अगर आपके पास सरकार की किसी योजना का 2BHK सर्टिफिकेट है, तो उसे संभालकर रखें। मैं यह इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इलेक्शन कमीशन ने बिहार में जो 10 दस्तावेजों की बात की है, वे यही दस्तावेज हैं।हमने सुप्रीम कोर्ट में अख्तरुल इमान मंडलियों की ओर से अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि प्राइमा फेसी इलेक्शन कमीशन से कहता है कि आधार कार्ड और राशन कार्ड को भी वोटर लिस्ट के लिए EPIC कार्ड के रूप में स्वीकार करें। इसलिए यह जरूरी है। मेरी बात को याद रखें। जब तेलंगाना में या आपके किसी राज्य में इंटेंसिव रिवीजन होगा, तो परेशान होने की जरूरत नहीं। अभी वक्त है। पासपोर्ट बनवाएं, बर्थ सर्टिफिकेट बनवाएं, कास्ट सर्टिफिकेट बनवाएं।मेरी बात को याद रखो। अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो मोदी को सबसे ज्यादा खुशी होगी। क्यों? क्योंकि जब तक आपका नाम वोटर लिस्ट में है, हम जैसे लोग मोदी से सवाल पूछ रहे हैं कि गरीब और गरीब क्यों होता जा रहा है, और अमीर और अमीर क्यों होता जा रहा है। लेकिन मोदी नहीं चाहते कि कोई उनसे सवाल करे। अगर युवाओं का नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो आपके पास भारत के प्रधानमंत्री से यह पूछने का अधिकार नहीं रहेगा कि बेरोजगारी मेरी किस्मत क्यों बन गई।

बार-बार यह कहा जा रहा है कि फलां इलाके में बांग्लादेशी हैं, फलां इलाके में रोहिंग्या या म्यांमार के लोग हैं, फलां इलाके में नेपाली लोग आकर बस गए हैं। ये सारी तैयारियां की जा रही हैं। मैं आपको जिम्मेदारी से आगाह कर रहा हूँ। यह डराने के लिए या भावनाओं को भड़काने के लिए नहीं कह रहा। रिकॉर्ड पर कहा गया है कि पूरे भारत में इंटेंसिव रिवीजन होगा। तेलंगाना में आखिरी इंटेंसिव रिवीजन, अगर मेरा स्मरण सही है, तो 2007 या 2002 में हुआ था।इसलिए इन चीजों की तैयारी रखें। मैं राशिद साहब से भी बात कर रहा था कि हमें तेलंगाना में हमारे अध्यक्ष साहब की मौजूदगी और उनकी अगुवाई में एक मीटिंग करनी चाहिए, जिसमें सभी संगठनों के जिम्मेदार लोगों को बुलाकर उनसे अपील करें। बल्कि हर जुमे की नमाज से पहले जो लोग मस्जिदों में वाज़ करते हैं या बयान देते हैं, उनसे भी मेरी अपील है कि लोगों को आगाह करें। ये साजिशें की जा रही हैं। अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो वोट डालना तो दूर, कोई आएगा और आपसे कहेगा कि अपनी नागरिकता साबित करो।फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में भी मामला जाएगा। उसका भी एक प्रोसीजर है। पहले SP बॉर्डर को कहा जाएगा, SP बॉर्डर पत्र लिखेगा मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को। वहां तीन अधिकारियों की मंजूरी के बाद आपका मामला चलेगा। यानी आप अपने रोजगार से वंचित हो जाएंगे। सबसे बड़ी बात, आप अपनी इज्जत से वंचित हो जाएंगे। लोग उंगली उठाकर कहेंगे कि इसका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, यह भारत का नागरिक नहीं है।इसलिए मेरी बात को याद रखें और अभी से इस पर अमल करने की कोशिश करें। मेरे दुश्मन बहुत हैं, मुझसे असहमत होने वालों की संख्या भी बहुत है। क्योंकि अगर भारत में कोई लीडर है, तो वह असदुद्दीन ओवैसी है। मुझसे बहुत लोग जलते हैं। लेकिन इसकी परवाह न करें। मैं आपको आगाह कर रहा हूँ। मैं आपको सचेत कर रहा हूँ कि तूफान आने से पहले हमें तैयारी कर लेनी चाहिए। साजिश करने वालों की साजिश को नाकाम करने के लिए हमें आपकी मदद से तैयारी करनी होगी।

कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?

ओवैसी ने नागरिकों से इन दस्तावेजों को तैयार रखने को कहा:


10वीं की मार्कशीट ( Class Tenth Marksheet)
 जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate)
पासपोर्ट (Passport )
जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate)
पेंशन दस्तावेज (अगर रिटायर्ड हैं)
सरकारी आवंटन के दस्तावेज (जैसे 2BHK सर्टिफिकेट, जमीन के कागजात)
सरकारी नौकरी का आईडी कार्ड

ओवैसी ने बताया कि बिहार में BLOs (Booth Level Officers) को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई व्यक्ति तीन बार घर पर नहीं मिलता, तो उसके खिलाफ 1955 के नागरिकता कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इससे नागरिकता का संकट पैदा हो सकता है। ओवैसी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में कहा था कि आधार कार्ड और राशन कार्ड को भी वोटर आईडी के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। इसलिए, इन दस्तावेजों को भी सुरक्षित रखें। इस तरह, ओवैसी ने एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए देश के नागरिकों को सचेत किया है।

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