अहमदाबाद से लंदन-गैटविक जा रही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे पायलटों की संभावित लापरवाही और एयर इंडिया द्वारा एक गैर-अनिवार्य एफएए एडवाइजरी को नजरअंदाज करने को प्राथमिक कारण माना जा रहा है।
12 जून, 2025 को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान (फ्लाइट AI 171) के भीषण हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट के अनुसार, विमान के दोनों इंजनों का अचानक बंद होना, कॉकपिट में पायलटों के बीच गलतफहमी और एयरलाइन द्वारा अमेरिकी नियामक FAA की चेतावनी को नजरअंदाज करना इस घटना के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित 260 लोगों की जान चली गई थी।
AAIB ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर तथ्य सामने रखे हैं। यह विमान अहमदाबाद से लंदन-गैटविक जा रही थी जिसके दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे पायलटों की संभावित लापरवाही और एयर इंडिया द्वारा एक गैर-अनिवार्य एफएए एडवाइजरी को नजरअंदाज करने को प्राथमिक कारण माना जा रहा है। हालांकि अंतिम रिपोर्ट आने में एक साल का समय लग सकता है, लेकिन प्रारंभिक निष्कर्षों में विमान के दोनों इंजनों का एक के बाद एक बंद होना, कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग में पायलटों के बीच की असमंजस भरी बातचीत और एयरलाइन की ओर से सुरक्षा दिशानिर्देशों की अनदेखी जैसे गंभीर मुद्दे उजागर हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, यह विमान दिल्ली से अहमदाबाद आने वाली फ्लाइट AI 423 के रूप में पहुंचा था, जिसमें पिछली उड़ान के दौरान “STAB POS XDCR” का तकनीकी खामी रिपोर्ट की गई थी। एयर इंडिया के इंजीनियरों ने इसका निवारण किया और विमान को 0640 UTC पर उड़ान के लिए रिलीज कर दिया। फ्लाइट AI 171 को संचालित करने वाले दल में एक एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (ATPL) धारक कप्तान, एक कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) धारक सह-पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल थे। दोनों पायलट मुंबई से थे और उन्होंने पर्याप्त आराम किया था। इस उड़ान में सह-पायलट फ्लाइंग पायलट (PF) और कप्तान मॉनिटरिंग पायलट (PM) की भूमिका में थे।
टेकऑफ वजन बराबर कोई खतरनाक सामान भी नहीं
AAIB ने अपनी रिपोर्ट में लिखा विमान में 230 यात्री सवार थे, जिनमें 15 बिजनेस क्लास और 215 इकोनॉमी क्लास में थे, साथ ही दो शिशु भी थे। विमान का वजन अनुमेय सीमा के भीतर था और कोई खतरनाक सामान नहीं था। टेकऑफ के बाद, विमान ने 180 नॉट्स की अधिकतम गति प्राप्त की, लेकिन तभी अचानक इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल पर RUN से CUTOFF की स्थिति में चले गए। कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग में एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए सुना गया कि उसने स्विच क्यों काटे, जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।
हादसे के समय एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज में रैम एयर टर्बाइन (RAT) को तैनात होते देखा गया, जो आपातकालीन बिजली आपूर्ति का संकेत है। विमान के मार्ग में कोई पक्षी गतिविधि नहीं दिखी, लेकिन यह तेजी से ऊंचाई खोने लगा और एयरपोर्ट की परिधि दीवार को पार करने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इंजन 1 ने कुछ समय के लिए पुनः प्रज्वलित होने के संकेत दिए, लेकिन इंजन 2 कोर स्पीड हासिल नहीं कर पाया।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि 2018 में एफएए ने फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉक के अनियंत्रित होने की आशंका को लेकर एक सलाह जारी की थी, जिसे एयर इंडिया ने गैर-अनिवार्य होने के कारण लागू नहीं किया था। विमान और इंजनों की वायरयोग्यता पर कोई सवाल नहीं उठाया गया, क्योंकि इसका एयरवर्थिनेस रिव्यू सर्टिफिकेट (ARC) मई 2026 तक वैध था और दोनों इंजन मार्च और मई 2025 में ही लगाए गए थे।
टेकऑफ के बाद क्या हुआ?
विमान ने दोपहर 1:38 PM IST (08:08 UTC) पर टेकऑफ किया और 180 नॉट्स (लगभग 333 km/h) की रफ्तार तक पहुंचा। महज 4 सेकंड बाद, इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच “RUN” से “CUTOFF” पोजिशन में चले गए। दोनों स्विच के बीच सिर्फ 1 सेकंड का अंतर था।
कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग (CVR) में सुनाई पड़ी आवाजों के मुताबिक एक पायलट ने दूसरे से पूछा: “तुमने स्विच क्यों काटे?”दूसरे पायलट ने जवाब दिया: “मैंने नहीं किया!” इसके बाद, रैम एयर टर्बाइन (RAT) स्वचालित रूप से एक्टिवेट हो गया, जो आपातकालीन बिजली आपूर्ति के लिए होता है। इंजन 1 ने कुछ समय के लिए पुनः स्टार्ट होने की कोशिश की, लेकिन इंजन 2 पूरी तरह फेल हो गया। 1:39 PM IST पर “मेडे” (Mayday) इमरजेंसी कॉल भेजी गई, लेकिन विमान नियंत्रण खो चुका था और एयरपोर्ट की परिधि दीवार से पहले ही क्रैश हो गया। AAIB ने सीसीटीवी फुटेज और रडार डेटा के आधार पर पुष्टि की कि उड़ान पथ में कोई पक्षी नहीं था।
विमान का एयरवर्थिनेस सर्टिफिकेट (ARC) मई 2026 तक वैध था।दोनों इंजन (जीई GEnx-1B) हाल ही में मार्च और मई 2025 में इंस्टॉल किए गए थे।
प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर, इंजन फेलियर का मुख्य कारण फ्यूल कटऑफ स्विच का अचानक बंद होना है, जिसके पीछे FAA की चेतावनी को न मानना और संभावित रूप से पायलटों की त्रुटि भी जिम्मेदार हो सकती है। हालांकि, अंतिम निष्कर्ष AAIB की पूरी जांच के बाद ही सामने आएगा।
यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास के सबसे बड़े त्रासदियों में से एक बन गया है, और इसकी जांच दुनिया भर में बोइंग 787 की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है।
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