उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 16 जून से 31 जुलाई तक चल रहा है स्टॉप डायरिया कैंपेन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने दी महत्वपूर्ण सलाह.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बच्चों को डायरिया से बचाने और इसके इलाज की जानकारी देने के लिए राज्यभर में ‘स्टॉप डायरिया कैंपेन’ (Stop Diarrhoea Campaign) चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. पियुष तिवारी ने बुधवार को लखनऊ के बान्दिकुई नगर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ORS और जिंक टैबलेट वितरण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह प्रचार वाहन विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों को डायरिया से बचाव, कारण, इलाज और रोकथाम की जानकारी देगा और मुफ्त में ORS पैकेट और जिंक टैबलेट वितरित करेगा।
बच्चों में डायरिया से मौत रोकने के लिए जरूरी है जागरूकता
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. तिवारी ने कहा कि आज भी 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण डायरिया है, जबकि इसकी रोकथाम और इलाज पूरी तरह संभव है। उन्होंने कहा कि “डायरिया से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।”
उन्होंने बताया कि अगर बच्चे को दिन में 3 या उससे ज्यादा बार पतला दस्त हो तो समझें कि उसे डायरिया हो गया है और तुरंत ORS घोल देना शुरू करें। इससे शरीर में पानी और नमक की कमी को रोका जा सकता है। साथ ही, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और उम्र के अनुसार जिंक टैबलेट भी निश्चित अवधि तक दें।
क्यों होता है डायरिया? जानिए कारण और बचाव
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी. सिंह ने बताया कि बरसात और गर्मी के मौसम में दूषित पानी पीने, गंदे हाथों से खाना बनाने या बच्चों को खिलाने और खुले में शौच जैसी आदतों से डायरिया तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को खिलाने से पहले हाथों को साबुन और साफ पानी से अच्छे से धोएं।
उन्होंने सलाह दी कि बर्तन और बच्चे के खिलौनों को साफ रखें। खाना बनाने से पहले और बच्चे को खिलाने से पहले हाथों की सफाई जरूर करें।
ORS और जिंक टैबलेट क्यों जरूरी?
डॉ. तिवारी ने बताया कि ORS घोल शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करता है। जिंक टैबलेट डायरिया की अवधि को कम करता है और बच्चे की इम्युनिटी को भी मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा कि ORS का घोल हमेशा ताजा बनाएं और 24 घंटे के अंदर ही इस्तेमाल करें।
16 जून से 31 जुलाई तक चलेगा राज्यव्यापी अभियान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर निदेशक (चाइल्ड हेल्थ) डॉ. फिफियान ओचर ने बताया कि 16 जून से 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर ‘स्टॉप डायरिया कैंपेन’ चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को ORS और जिंक के महत्व की जानकारी देना और बच्चों में डायरिया से होने वाली मौतों को रोकना है।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर ORS और जिंक टैबलेट बांट रही हैं और लोगों को स्वच्छता और साफ पानी के महत्व के बारे में जागरूक कर रही हैं।
ORS वितरण वाहन का शुभारंभ
लखनऊ में ORS और जिंक वितरण वाहन के शुभारंभ मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे, जिनमें उप निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. शारदा चौधरी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सौरभ झाखोलखी, CHC बान्दिकुई के अधीक्षक डॉ. एजाज इकबाल, PCI इंडिया के विजयेंद्र सज्जन, वीरेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, विनय द्विवेदी, प्रवीन द्विवेदी, मुकेश कुमार आदि शामिल रहे।
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