कौन हैं डॉ. रोहिणी घावरी जिसने सांसद चंद्रशेखर आजाद पर लगाया है यौन उत्पीड़न का आरोप? विवाद की शुरुआत से लेकर अब तक का पूरा मामला..

डॉ. रोहिणी घावरी और सांसद चंद्रशेखर आजाद विवाद: यौन शोषण और धोखाधड़ी के आरोपों से मचा सियासी भूचाल

डॉ. रोहिणी घावरी और सांसद चंद्रशेखर आजाद के बीच का मामला एक व्यक्तिगत और विवादास्पद मुद्दा है, जो 2024-2025 में सोशल मीडिया और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के माध्यम से सुर्खियों में आया।

कौन हैं डॉ. रोहिणी घावरी?

रोहिणी घावरी मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली एक पीएचडी स्कॉलर हैं, जो वर्तमान में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में मैनेजमेंट में पीएचडी कर रही हैं। वह वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और मध्य प्रदेश सरकार से 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप प्राप्त कर चुकी हैं। रोहिणी सामाजिक मुद्दों पर मुखर रही हैं और 2023 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

चंद्रशेखर आजाद का परिचय

जबकि चंद्रशेखर आजाद, उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद, आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, और भीम आर्मी के संस्थापक हैं। वह दलित-बहुजन अधिकारों के लिए कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा, दलित हितों, अधिकारों और उनके मुद्दों को प्रमुखता से उठाने वाले एक चर्चित नेता के रूप में उनकी पहचान है.

रोहिणी घावरी का आरोप

रोहिणी घावरी ने चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें- शादी का झांसा और यौन शोषण का आरोप शामिल है. रोहिणी का दावा है कि 2020 में उनकी मुलाकात चंद्रशेखर से हुई और 2021 से दोनों के बीच व्यक्तिगत संबंध शुरू हुए। चंद्रशेखर ने कथित तौर पर खुद को अविवाहित बताकर उनसे शादी का वादा किया और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में रोहिणी को पता चला कि चंद्रशेखर पहले से शादीशुदा हैं, जिसे उन्होंने छिपाया

रोहिणी ने यह भी आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने उनके विश्वास का दुरुपयोग किया, उन्हें धमकियां दीं, और उनकी निजी तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी। उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रशेखर ने उन्हें आत्महत्या की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

रोहिणी ने दावा किया कि चंद्रशेखर ने न केवल उनका, बल्कि कई अन्य लड़कियों का भी शोषण किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह भी कहा कि अन्य महिलाएं उनके पास उनके जैसी ही पीड़ा साझा करने आई हैं।

रोहिणी घावरी की ओर से कानूनी कार्रवाई

23 जून 2025 को रोहिणी ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में चंद्रशेखर के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी, और मानसिक शोषण के आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, रोहिणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई और सिस्टम की उदासीनता पर सवाल उठाया।

इन सबके बाद, 3 जुलाई 2025 को रोहिणी ने ट्वीट कर कहा कि उनकी शिकायत के एक हफ्ते बाद भी FIR दर्ज नहीं हुई, और अगर सुनवाई नहीं हुई तो वह यूनाइटेड नेशंस के सामने भूख हड़ताल करेंगी।

रोहिणी घावरी के आरोपों पर चंद्रशेखर आजाद का पक्ष

सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने रोहिणी के आरोपों पर सार्वजनिक रूप से ज्यादा कुछ बयान देने से परहेज किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला एक महिला के सम्मान से जुड़ा है और वह इसका जवाब केवल कोर्ट में देंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ये आरोप उनकी छवि खराब करने की साजिश हो सकती है। उनके समर्थकों ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया, जिसमें बीजेपी को शामिल बताया गया।

रोहिणी घावरी के आरोपों पर सोशल मीडिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

रोहिणी ने सोशल मीडिया, खासकर X पर, चंद्रशेखर के खिलाफ चैट स्क्रीनशॉट और बयान साझा किया था। उन्होंने अपनी लड़ाई को आत्मसम्मान की लड़ाई बताया और कहा कि वह सच सामने लाएंगी।

सोशल मीडिया पर इस मामले ने ऐसे बहस छेड़ दी है जिसका अंत अभी तक होता नहीं दिख रहा है। कुछ लोग रोहिणी का समर्थन कर रहे हैं, जबकि चंद्रशेखर के समर्थक इसे उनकी छवि खराब करने की साजिश बता रहे हैं। कुछ X पोस्ट में रोहिणी पर ही सवाल उठाए गए, जैसे कि उन्होंने चैट और वीडियो रिकॉर्ड क्यों किए।

आपको बता दें कि, हाल ही में उत्तर प्रदेश के बस्ती में 10 से अधिक महिलाओं ने चंद्रशेखर के खिलाफ नारेबाजी की और “रेप आरोपी को जेल भेजो” जैसे नारे लगाए हैं। वह बस्ती में आए हुए थे उस दौरान उनके खिलाफ लोगों की नाराज़गी दिखी.

रोहिणी घावरी के आरोपों का चंद्रशेखर आजाद की राजनीति पर प्रभाव

रोहिणी बनाम चंद्रशेखर का यह मामला न केवल व्यक्तिगत विवाद के रूप में चर्चा में है, बल्कि इसने दलित राजनीति, महिला अधिकारों, और नेताओं की नैतिकता पर बहस छेड़ दी है। चंद्रशेखर की राजनीतिक छवि और उनकी पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर क्योंकि वह दलित और पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में उभरे हैं।

अगर रोहिणी के आरोप कोर्ट में साबित होते हैं, तो यह चंद्रशेखर की सांसदी और उनके सामाजिक आंदोलन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

वैसे तो अभी तक मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, और मामला राष्ट्रीय महिला आयोग और संभावित रूप से कोर्ट में विचाराधीन है। रोहिणी ने अपनी लड़ाई को कानूनी और सामाजिक दोनों रूप से जारी रखने का संकल्प लिया है, जबकि चंद्रशेखर ने कोर्ट में जवाब देने की बात कही है।

रोहिणी घावरी के शुरुआती आरोप और सोशल मीडिया पर खुलासे

पिछले साल, 2024 में मई-जून में रोहिणी ने पहली बार सोशल मीडिया (X) पर संकेत दिया कि चंद्रशेखर आजाद ने उनके साथ धोखाधड़ी की। उन्होंने लिखा कि चंद्रशेखर ने उन्हें शादी का झांसा देकर भावनात्मक और मानसिक रूप से शोषण किया। यह शुरुआत में अस्पष्ट था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत चैट के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिनमें कथित तौर पर चंद्रशेखर के साथ उनकी बातचीत थी। जिसके बाद मामला लगातार गरमाता गया.

विशेष दावे: चंद्रशेखर ने 2021 में उनके साथ रिश्ता शुरू किया और खुद को अविवाहित बताया, जबकि वह पहले से शादीशुदा थे। उन्होंने रोहिणी को शादी का वादा किया और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए। रोहिणी ने यह भी दावा किया कि चंद्रशेखर ने उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो अपने पास रखे और उन्हें वायरल करने की धमकी दी।

प्रमाण: रोहिणी ने X पर चैट स्क्रीनशॉट पोस्ट किए, जिनमें चंद्रशेखर के साथ उनकी कथित बातचीत थी। हालांकि, इन स्क्रीनशॉट की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा रही है।

फिर, 2024 अक्टूबर को रोहिणी ने आरोपों को और विस्तार दिया, दावा किया कि चंद्रशेखर ने न केवल उनका शोषण किया, बल्कि कई अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया। उन्होंने X पर लिखा कि अन्य महिलाएं उनके पास अपनी कहानियां लेकर आई हैं, जो चंद्रशेखर के व्यवहार को उजागर करती हैं।

विशेष दावे: चंद्रशेखर ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का दुरुपयोग कर महिलाओं को अपने जाल में फंसाया। उन्होंने रोहिणी को आत्महत्या की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। रोहिणी ने यह भी कहा कि चंद्रशेखर ने उनके करियर और स्कॉलरशिप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

प्रमाण: कोई ठोस सबूत सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया गया, सिवाय अतिरिक्त चैट स्क्रीनशॉट और उनके बयानों के।

निष्कर्ष

रोहिणी घावरी ने 2024 से 2025 तक चंद्रशेखर आजाद पर लगातार और गंभीर आरोप लगाए हैं, जो यौन शोषण, धोखाधड़ी, मानसिक उत्पीड़न, और ब्लैकमेलिंग से संबंधित हैं। ये आरोप पहले सोशल मीडिया पर शुरू हुए और फिर NCW और प्रधानमंत्री तक पहुंचे। हालांकि, अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, और चंद्रशेखर ने इनका जवाब कोर्ट में देने की बात कही है। मामले की सत्यता और परिणाम कोर्ट में सबूतों पर निर्भर करेंगे।

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